राजनीतिक उथल-पुथल के बीच Punjab Governor Banwarilal Purohit का इस्तीफा!

Punjab Governor Banwarilal Purohit
Punjab Governor Banwarilal Purohit

चुनाव में गड़बड़ी के आरोप और उथल-पुथल भरी राजनीतिक यात्रा

पृष्ठभूमि

पंजाब के राज्यपाल और चंडीगढ़ के प्रशासक बनवारीलाल पुरोहित ने हाल ही में व्यक्तिगत कारणों और कुछ अन्य प्रतिबद्धताओं का हवाला देते हुए इस्तीफा दे दिया। उनका प्रस्थान विवादास्पद चंडीगढ़ मेयर चुनाव के बाद हुआ, जहां एक भाजपा उम्मीदवार के पक्ष में छेड़छाड़ के आरोप सामने आए, जिसके कारण आगामी सप्ताह में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है।

राजनीतिक टकराव

Banwarilal Purohit के कार्यकाल को पंजाब में आम आदमी पार्टी (आप) सरकार के साथ तीव्र राजनीतिक लड़ाइयों से चिह्नित किया गया था। अपने पूर्ववर्तियों के विपरीत, वह सक्रिय रूप से जनता के बीच रहे, बिलों को रोका, मुख्यमंत्री के कार्यों पर सवाल उठाए और यहां तक कि राज्य में राष्ट्रपति शासन की चेतावनी भी दी। उनका टकराव तब और बढ़ गया जब आप सरकार ने राजनीतिक कारणों से संवैधानिक परंपराओं का उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया।

सुप्रीम कोर्ट की फटकार

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान, पुरोहित को विधानसभा द्वारा पारित विधेयकों को मंजूरी देने में देरी के लिए आलोचना का सामना करना पड़ा। अदालत ने पंजाब सरकार और पुरोहित के बीच गतिरोध पर असंतोष व्यक्त करते हुए कहा, “आप आग से खेल रहे हैं।” आप ने लगातार तर्क दिया कि पुरोहित ने स्थापित संवैधानिक परंपराओं का उल्लंघन करते हुए भाजपा सरकार के राजनीतिक एजेंडे के पक्ष में काम किया।

Banwarilal Purohit का बचाव

महाराष्ट्र से भाजपा के वरिष्ठ सदस्य पुरोहित ने आरोपों से इनकार किया और जनहित में राज्य सरकार के कार्यों पर सवाल उठाने का अपना अधिकार जताया। चल रहे राजनीतिक तनाव के बावजूद, उनके अचानक इस्तीफे ने कई लोगों को आश्चर्यचकित कर दिया। आप ने हालांकि आधिकारिक तौर पर अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन पार्टी के कुछ नेताओं ने इसे ‘अच्छा छुटकारा’ करार दिया है और पुरोहित पर निर्वाचित सरकार के लिए अनावश्यक बाधाएं पैदा करने का आरोप लगाया है।

FAQ

Q1: बनवारीलाल पुरोहित को इस्तीफ़ा क्यों देना पड़ा?

A1: पुरोहित ने अपने इस्तीफे के प्राथमिक कारणों के रूप में व्यक्तिगत कारणों और कुछ अन्य प्रतिबद्धताओं का हवाला दिया। यह कदम चंडीगढ़ मेयर चुनाव में गड़बड़ी के आरोपों के बीच आया है।

Q2: पुरोहित का कार्यकाल उनके पूर्ववर्तियों से किस प्रकार भिन्न था?

A2: अपने पूर्ववर्तियों के विपरीत, पुरोहित सक्रिय रूप से राजनीतिक लड़ाई, बिलों को रोकने, मुख्यमंत्री पर सवाल उठाने और पंजाब में राष्ट्रपति शासन की चेतावनी देने में लगे रहे।

Q3: पुरोहित के कार्यों पर सुप्रीम कोर्ट का रुख क्या था?

ए3: सुप्रीम कोर्ट ने विधेयकों को मंजूरी देने में देरी के लिए पुरोहित की आलोचना की और पुरोहित और पंजाब सरकार के बीच राजनीतिक गतिरोध पर असंतोष व्यक्त किया।

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